Odia Medium Class 9 Hindi Chapter 1 Part 3 तुलसीदास के दोहे Question Answer
तुलसीदास के दोहे
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए।
(क) ‘बुवै सो लुनै निदान’ का तात्पर्य क्या है? पठित दोहे के आधार पर समझाइ।
उत्तर: ‘बुवै सो लुनै निदान’ अर्थात् जो जैसा कर्म करता है उसे उसके कर्म के अनुसार फल मिलता है । मनुष्य का शरीर कर्मक्षेत्र है । उसका मन किसान है । जिसमें पाप और पुण्य दो बीज हैं। जो जैसा बीज बोता है, वह उसी प्रकार की फसल काटता है |
(ख) किन-किन लोगों की भलाई करने को अज्ञान कहा गया है?
उत्तर: जिस व्यक्ति की अनेक संताने हो, अनेक कामनाएँ हो और समयानुसार जिनके आचार व्यवहार बदलते हों, उन लोगों की भलाई करने को अज्ञान कहा गया है। और भी जान बुझकर गलती करनेवाले को उपदेश देना अज्ञानता का परिचय है
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में दीजिए।
(क) खेत किसे कहा गया है?
उत्तर: मानव के शरीर को खेत कहा गया है ।
(ख) किसान कौन है?
उत्तर: मन
(ग) पाप-पुण्य क्या हैं
उत्तर: पाप और पुण्य दो बीज हैं
(घ) जिसकी अनेक संतान हों, उसकी भलाई चाहना क्या ह ?
उत्तर: मूर्खता
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए।
(क) मानव के शरीर को क्या कहा गया है?
उत्तर: मानव के शरीर को कर्मक्षेत्र कहा गया है।
(ख) दो बीज कौन-कौन – से हैं?
उत्तर: पाप और पुण्य दो बीज हैं।
(ग) बार-बार अपने आचार-व्यवहार को बदलनेवाले की भलाई चाहने को क्या कहा गया है?
उत्तर:
बार-बार अपने आचार-व्यवहार को बदलनेवालो की भलाई चाहने को मूर्खता कहा गया है।
भाषा-ज्ञान
1. निम्नलिखित शब्दों का समानार्थी शब्द लिखिए।
काया, किसान, सुत, मनसा. काया- शरीर किसान – कृषक/किसान
सुत – पुत्र/बेटा
मनसा – मन
2. निम्नलिखित शब्दों का विलोम शब्द लिखिए।
पाप, अज्ञान, अपार
उत्तर:
पाप – पुण्य
अज्ञान – ज्ञान
अपार – सीमित
3. निम्नलिखित अशुद्ध शब्दों को शुद्ध कीजिए
तुलसि, किषान, पुन्य, सूत, रूचि
उत्तर:
तुलसि – तुलसी
किषान – किसान
पुन्य – पुण्य
सूत – सुत
रूचि – रुचि
4. इन शब्दों पर ध्यान दीजिए।
काया, किसान, बीज, सुत
इन शब्दों से उनकी पूरी जाति का बोध होता है।
याद रखिए
जिस शब्द से पूरी जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।